हरदा । अपनी 21 सूत्री मांगों को लेकर करणी सेना परिवार का जनक्रांति आंदोलन हरदा के नेहरू स्टेडियम में देर शाम समाचार लिखे जाने तक लगातार जारी है। आंदोलन में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए हैं, इसे जिले के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन बताया जा रहा है। बड़ी संख्या में जुटी भीड़ से माहौल पूरी तरह आंदोलनमय बना हुआ है।आंदोलन स्थल नेहरू स्टैडियम खचाखच भरा हुआ है। यहां तक की आंदोलनकारी हजारों की संख्या में बाहर भी मौजूद हैं। कडी सुरक्षा की व्यवस्था की गई है।
हरदा में जनक्रांति न्याय यात्रा को लेकर पुलिस पुरी तरह से अलर्ट है।शहर की होटल,धर्मशालाएं रिजर्व कर ली गई है।शहर में 3 जिलों की 10 कंपनियां तैनात की गई हैं। पुलिस ने शहर में फ्लैग मार्च भी किया है। करणीसेना प्रमुख जीवनसिंह शेरपुर आमरण अनशन पर हैं। उनका मेडिकल किया जा रहा है। 21 सूत्रीय मांगों को लेकर करणी सेना एवं सर्व समाज परिवार ये आंदोलन कर रहा है। देर शाम तक आंदोलनकारी स्टैडियम में जमें हुए थे और अपनी बात रख रहे थे। आंदोलनकारियों ने स्पष्ट कहा कि अगर हमारी बात नहीं सूनी गई तो अगली तैयारी भोपाल एवं दिल्ली की रहेगी।
मकराना की मांग- प्रशासन लिखित में दे आदेश-
शाम के समय करणी सेना का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से वार्ता के लिए मिला। श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने बताया कि बातचीत के दौरान प्रशासन ने हरदा में हुए लाठीचार्ज मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों को हटाने के साथ ही उनके खिलाफ मजिस्ट्रियल जांच कराने का भरोसा जताया है। हालांकि, यह आश्वासन फिलहाल लिखित रूप में नहीं दिया गया है। मकराना ने प्रशासन से इस संबंध में स्पष्ट और लिखित आदेश जारी करने की मांग की है।
8 दिन से अनशन पर हैं शेरपुर-
करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने पिछले 8 दिनों से जारी अपना अनशन आंदोलन स्थल के मंच पर भी जारी रखा। उनकी सेहत की देखरेख के लिए डॉक्टरों की एक टीम तैनात की गई है, जो हर दो घंटे में उनका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। फिलहाल उनका ब्लड प्रेशर सामान्य बताया जा रहा है, हालांकि शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव बना हुआ है।
मांगे नहीं मानी तो भोपाल-दिल्ली में होगा कूच-
इससे पहले करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर और श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और तेज करते हुए भोपाल और दिल्ली कूच किया जाएगा।
भारी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम
स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए जिले में पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी गई है। प्रदर्शन स्थल के साथ-साथ जिले के सभी प्रवेश और निकास मार्गों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा बाहर से बुलाए गए अतिरिक्त पुलिस बल के ठहराव के लिए शहर के आसपास स्थित करीब 30 होटल और धर्मशालाओं को प्रशासन ने अपने नियंत्रण में ले लिया है।
